भारत बीते कुछ सालों मैं डिजिटल इंडिया की तरफ बहुत तेजी से बढ़ रहा है और अधिकतर पेमेंट के ट्रांजेक्शन ऑनलाइन होने लगे है
कोरोना काल में तो ये ट्रांजेक्शन और भी बढ़ गए है यह सब UPI के माध्यम से ही मुनकिन हो पाया है।
बात करे पिछले साल मार्च 2020 की तो UPI ट्रांजेक्शन १.25 अरब थे जो अब बढ़कर मार्च २०२१ के आंकड़े के हिसाब से २.७३ अरब हो गए है। मतलब पिछले साल के मुकाबले दुगना से ज्यादा ट्रांजेक्शन हुआ है ,मार्च की संख्या में भी फरवरी के 2.29 अरब से 20% की छलांग देखि गयी है। मार्च में लेनदेन फरवरी के मुकाबले18% बढ़कर मूल्य ५ खरब को पार कर गया है।
जिसमें सबसे ज्यादा छोटे छोटे माइक्रोट्रांजेक्शन होने लगे है , जिसके चलते UPI के ट्रांजेक्शन की संख्या बड़ी है जिससे लेन-देन में विफलताओं की संख्या भी बड़ी है क्योंकि बैंकों में लगातार तकनीकी गड़बड़ियां हो रही है।
50Rs से कम UPI ट्रांसेक्शन होंगे बन्द !
जिसको देखते हुए UPI और NPCI (नेशनल पेमेंट्स ट्रांजेक्शन कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया ) 50Rs से कम UPI ट्रांसेक्शन को बंद करने का फैसला करने जा रही है और यह नए नियम इसी सप्ताह में लागु होने की संभावना है। यह कदम UPI पर ट्रांजेक्शन की मात्रा को कम करने लिए लिया गया है।
अब जानते है ऐसा क्या हुआ जिसके चलते NPCI और UPI को ऐसा कदम उठाना पड़ा तो बात ये है की आईपीएल के समय में और भारत में गेमिंग ऑनलाइन के चलते छोटे छोटे ट्रांजेक्शन बहुत देखे जा रहे है जिसमें १ रुपए से छोटा ट्रांजेक्शन भी देखा गया है।
और आईपीएल के समय में तो ये सब और भी बढ़ जाते है क्यों की ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्रीज जिनके ५०पेरेंट ट्रांजेक्शन छोटे ट्रांजेक्शन ही होते है
NPCI चाहता है की ग्राहक और व्यापारी की जगह नेटबैंकिंग जैसे स्टैण्डर्ड ट्रांजेक्शन के माध्यम से पैसों का लें दें करें। बता दें की UPI की अभी तक कोई ट्रांजेक्शन लिमिट तय नहीं है और कोई भी ट्रांजेक्शन शुल्क भी किसी तरह के लेन देन पर नहीं लिया जाता है।
अगर ऐसी लिमिट बनायीं गयी तो ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्रीज के बिज़नेस पर जरूर प्रभाव पड़ेगा।:0-
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