Bombay Stock Exchange (बीएसई) का संक्षिप्त इतिहास
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) एशिया का सबसे पुराना और भारत का पहला स्टॉक एक्सचेंज है। 9 जुलाई 1875 में BSE की स्थापना हुई थी।यह देश का एक प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज है और स्टॉक, बॉन्ड और डेरिवेटिव सहित विभिन्न प्रतिभूतियों में ट्रेडिंग के लिए एक मंच प्रदान करता है। बीएसई की स्थापना नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन के रूप में हुई थी और बाद में 1957 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के रूप में इसका नाम बदल दिया गया।
इन वर्षों में, बीएसई ने भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, कंपनियों को पूंजी जुटाने में सक्षम बनाया है और निवेशकों को विभिन्न प्रतिभूतियों में निवेश करने का अवसर प्रदान किया है। आज, बीएसई एक आधुनिक, इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंज है जो एक उन्नत ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से संचालित होता है, जो निवेशकों को सिक्योरिटीज और मार्केट सूचकांक की एक विस्तृत श्रृंखला तक पहुंच प्रदान करता है।
मुंबई स्थित बीएसई में लगभग 5,246 (8 फरवरी 2022 तक) कंपनियां सूचीबद्ध हैं और यह दुनिया के बड़े बड़े एक्सचेंजों में से एक है।दुनिया के बड़े एक्सचेंज जैसे एनवाईएसई, नास्दक, लंदन स्टॉक एक्सचेंज ग्रुप, जापान एक्सचेंज ग्रुप और शंघाई जैसेस्टॉक एक्सचेंज में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का नाम आता है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के कार्य (Functions of the Bombay Stock Exchange)
बीएसई के कुछ कार्य निम्लिखित है –
- एक ट्रेडिंग प्लेटफार्म प्रदान करना:-बीएसई का प्राथमिक कार्य (securities.) प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने के लिए एक मंच प्रदान करना है। यह एक शेयर बाज़ार के रूप में कार्य करता है जहाँ खरीदार और विक्रेता प्रतिभूतियों का व्यापार करने के लिए एक साथ आते हैं।
- सही मूल्य खोज की सुविधा:-बीएसई खरीदारों और विक्रेताओं को उनके आर्डर और प्रस्तावों के आधार पर मिलान करके विभिन्न (securities )प्रतिभूतियों के लिए मूल्य खोज की सुविधा प्रदान करता है।
- प्रतिभूतियों (securities ) की लिस्टिंग और डीलिस्टिंग:-बीएसई उन कंपनियों की प्रतिभूतियों को सूचीबद्ध करता है जो इसके पात्रता मानदंडों को पूरा करती हैं और उन प्रतिभूतियों को डीलिस्टिंग करता हैं जो अब आवश्यकताओं को पूरा नहीं करती हैं।
- बाजार डेटा प्रदान करना:-बीएसई निवेशकों, विश्लेषकों और अन्य बाजार सहभागियों को मूल्य, मात्रा और बाजार पूंजीकरण सहित विभिन्न प्रतिभूतियों पर बाजार डेटा प्रदान करता है।
- व्यापारिक गतिविधियों का रेगुलेशन करना:-बीएसई अपने नियमों और रेगुलेशन का अनुपालन सुनिश्चित करके व्यापारिक गतिविधियों को नियंत्रित करता है, जो एक निष्पक्ष और पारदर्शी व्यापारिक वातावरण बनाए रखने में मदद करता है।
- अर्थव्यवस्था में योगदान:बीएसई विभिन्न कंपनियों की प्रतिभूतियों (securities) के लिए एक ट्रेडिंग मंच प्रदान करता है। ट्रेडिंग में निरंतर पुनर्निवेश(reinvestment) और विनिवेश (disinvestment) शामिल है। यह पूंजी निर्माण, धन की आवाजाही और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का अवसर देता है।
- इन्वेस्टर एजुकेशन को बढ़ावा देना:-बीएसई निवेशकों को सूचित निवेश निर्णय लेने में मदद करने के लिए जानकारी और संसाधन प्रदान करके निवेशक शिक्षा को बढ़ावा देता है। यह निवेशकों को निवेश के विभिन्न पहलुओं पर शिक्षित करने के लिए निवेशक जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित करता है।
- लेन-देन संबंधी सुरक्षा: बीएसई यह सुनिश्चित करता है कि कंपनी की स्थिति की पुष्टि करने के बाद प्रतिभूतियों को सूचीबद्ध(listed)किया जाए। साथ ही, सभी सूचीबद्ध कंपनियों को Securities and Exchange Board of India (SEBI) द्वारा निर्धारित नियमों और विनियमों का पालन करना अनिवार्य है ।
Bombay Stock Exchange (बीएसई) कैसे काम करता है?
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) दलालों और व्यापारिक सदस्यों के एक नेटवर्क के माध्यम से काम करता है जो अपने ग्राहकों की ओर से प्रतिभूतियों की खरीद और बिक्री की सुविधा प्रदान करते हैं। बीएसई कैसे काम करता है इसका एक संक्षिप्त अवलोकन यहां दिया गया है:
- ट्रेडिंग सदस्यता : Bombay Stock Exchange (बीएसई) के पास ट्रेडिंग सदस्यों का एक नेटवर्क है जो अपने ग्राहकों की ओर से प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने के लिए अधिकृत हैं। ये सदस्य ब्रोकरेज फर्म या व्यक्तिगत ब्रोकर हो सकते हैं जो एक्सचेंज के साथ पंजीकृत हैं
- ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म: बीएसई पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से संचालित होता है जो ट्रेडिंग सदस्यों को ट्रेडों को जल्दी और कुशलता से पूरा करता है । एक्सचेंज के पास एक मजबूत तकनीकी ढांचा है जो विश्वसनीय व्यापार सुनिश्चित करता है।
- व्यापार के घंटे: बीएसई सार्वजनिक छुट्टियों को छोड़कर सोमवार से शुक्रवार तक काम करता है। ट्रेडिंग घंटे तीन सत्रों में विभाजित हैं: प्री-ओपन सेशन, सामान्य ट्रेडिंग सेशन और समापन सेशन ।
- प्रतिभूतियां(Securities ): बीएसई विभिन्न प्रतिभूतियों जैसे स्टॉक, बॉन्ड, डेरिवेटिव और म्यूचुअल फंड के व्यापार की सुविधा प्रदान करता है। पूंजी जुटाने के लिए कंपनियां प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) या फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) के माध्यम से एक्सचेंज पर अपनी प्रतिभूतियों को सूचीबद्ध कर सकती हैं।
- मार्केट इंडेक्स: बीएसई कई मार्केट इंडेक्स रखता है जो एक्सचेंज में सूचीबद्ध विभिन्न क्षेत्रों और कंपनियों के प्रदर्शन को ट्रैक करता है। सबसे व्यापक रूप से अनुसरण किया जाने वाला इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स है, जिसमें 30 लार्ज-कैप कंपनियां शामिल हैं।
- रेगुलेटरी ढांचा: बीएसई अत्यधिक विनियमित वातावरण में काम करता है और ट्रेडिंग में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए मजबूत नियामक ढांचा तैयार किया है। एक्सचेंज को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा रेगुलेट किया जाता है और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए सख्त अनुपालन आवश्यकताओं का पालन करता है।
संक्षेप में, Bombay Stock Exchange (बीएसई) एक बाज़ार के रूप में काम करता है जहां निवेशक ट्रेडिंग सदस्यों के माध्यम से securities को खरीद और बेच सकते हैं जो एक्सचेंज में पंजीकृत हैं। बीएसई एक इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से काम करता है और सूचीबद्ध कंपनियों के प्रदर्शन को ट्रैक करने के लिए विभिन्न बाजार सूचकांकों को बनाए रखता है।ट्रेडिंग में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक्सचेंज रेगुलेट है।
निवेशक किसी भी ब्रोकरेज फर्म के माध्यम से बीएसई स्टॉक एक्सचेंज पर शुल्क के बदले व्यापार कर सकते हैं। हालांकि, कुछ पेशेवर निवेशक प्रत्यक्ष निवेश पहुंच के लिए आवेदन कर सकते हैं जो बीएसई शेयर बाजार में बड़े लेनदेन करते हैं। साथ ही, स्टॉक एक्सचेंज कुशल ट्रेडिंग के लिए BOLT – बॉम्बे ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग करता है।
बीएसई प्लेटफॉर्म पर लेनदेन के निपटान के लिए टी+2 रोलिंग दिनों की आवश्यकता होती है, जिसका अर्थ है कि सभी लेनदेन को संसाधित होने में दो दिन लगते हैं। इसके अलावा, सेबी भारत में स्टॉक एक्सचेंजों को विनियमित करने और सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए नियमों को लगातार अद्यतन करने के लिए जिम्मेदार है।
बीएसई का बेंचमार्क इंडेक्स:-
बीएसई के पास कई बेंचमार्क इंडेक्स हैं जो भारतीय शेयर बाजार के प्रदर्शन को ट्रैक करने के लिए व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं। कुछ सबसे लोकप्रिय सूचकांक हैं:
- बीएसई सेंसेक्स: यह बीएसई का प्रमुख सूचकांक है और व्यापक रूप से भारतीय शेयर बाजार के बैरोमीटर के रूप में माना जाता है। इसमें बाजार पूंजीकरण के आधार पर बीएसई में सूचीबद्ध शीर्ष 30 कंपनियां शामिल हैं।
- बीएसई 500: यह एक व्यापक-आधारित सूचकांक है जो बाजार पूंजीकरण के आधार पर बीएसई में सूचीबद्ध शीर्ष 500 कंपनियों के प्रदर्शन को ट्रैक करता है।
- बीएसई 100: यह सूचकांक बाजार पूंजीकरण के आधार पर बीएसई में सूचीबद्ध शीर्ष 100 कंपनियों के प्रदर्शन को ट्रैक करता है।
- बीएसई मिडकैप: यह सूचकांक बीएसई में सूचीबद्ध मिड-कैप कंपनियों के प्रदर्शन को ट्रैक करता है, जो बाजार पूंजीकरण के आधार पर 101वें से 250वें स्थान पर हैं।
- बीएसई स्मॉलकैप: यह इंडेक्स बीएसई में सूचीबद्ध स्मॉल-कैप कंपनियों के प्रदर्शन को ट्रैक करता है, जिन्हें बाजार पूंजीकरण के आधार पर 251वें स्थान से आगे रखा जाता है।
ये सूचकांक निवेशकों को भारतीय शेयर बाजार के प्रदर्शन का एक स्नैपशॉट प्रदान करते हैं और विश्लेषकों और फंड प्रबंधकों द्वारा निवेश निर्णय लेने के लिए उपयोग किया जाता है।
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BSE का संछिप्त विविरण:-
BSE का पूरा नाम क्या है ? | Bombay Stock Exchange |
BSE कहाँ स्थित है ? | BSE भारत के दलाल स्ट्रीट मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित है। |
BSE की स्थापना कब हुयी ? | BSE की स्थापना 9 जुलाई 1875 को हुई थी। इसे “The Native Share and Stock Brokers Association” के नाम से जाना जाता था और यह भारत का पहला स्टॉक एक्सचेंज था। |
BSE का वर्तमान चेयरमैन कौन है ? | मीडिया रिपोर्टों के अनुसार श्री सुंदररमन राममूर्ति को 4 जनवरी, 2023 से बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में नियुक्त किया गया है। |
BSE की स्थापना किसने की? | BSE की स्थापना पहले नाम से “The Native Share and Stock Brokers Association” को 9 जुलाई, 1875 को बॉम्बे (अब मुंबई) में स्थापित किया गया था। इसे फिर 1957 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज नाम से जाना जाने लगा। बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने 2000 में अपना नाम बदलकर भारतीय स्टॉक एक्सचेंज (BSE) कर दिया। इससे पहले अधिकतर लोग इसे “बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज” या “BSE” के नाम से जानते थे। |
FAQ – Bombay Stock Exchange
यह एक मिथक है कि Bombay Stock Exchange (बीएसई) की स्थापना प्रेमचंद रॉयचंद ने 300 लोगों के साथ मिलकर की थी। वास्तविकता यह है कि BSE की स्थापना कुछ बैंकरों, व्यापारियों और शेयर ब्रोकरों द्वारा की गई थी। इनमें प्रेमचंद रॉयचंद भी थे, जो बाद में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के एक प्रमुख निदेशक बने। वह इस एक्सचेंज के सदस्यों में से एक थे, लेकिन उन्होंने एक्सचेंज की स्थापना नहीं की थी। इसलिए, इस मिथक का कोई भी आधार नहीं है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लगभग 5,246 (8 फरवरी 2022 तक) कंपनियां सूचीबद्ध हैं
सेंसेक्स (Sensex) भारतीय स्टॉक बाजार का सबसे प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स है। यह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर व्यापक रूप से व्यापक रूप से व्यापक रूप से बाजार के 30 सबसे बड़े और प्रतिष्ठित कंपनियों को मूल्यांकित करता है। सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में विभिन्न क्षेत्रों से चुनी गई कंपनियां होती हैं जैसे कि सेवा, उद्योग, अंतरिक्ष, वित्त, वित्तीय सेवाएं, औद्योगिक गैर-जुड़ाव, जहाज निर्माण, सॉफ्टवेयर, आदि। सेंसेक्स का मूल्य उन 30 कंपनियों के सामान्य शेयर मूल्यों का वजनदार मानक औसत है।
हां, विदेशी निवेशकों को कुछ नियमों और प्रक्रियाओं के अधीन बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में व्यापार करने की अनुमति है।
सेबी की फुल फॉर्म Securities and Exchange Board of India है।
बीएसई या बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है।
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